भारत में वर्तमान में जिन तीन वैक्सीन को देश में कोरोना के खिलाफ जंग में लोगों को लगाने की इजाजत दी गई है उनमें स्वदेशी विकसित कोवैक्सीन भी शामिल है। भारत में बनी कोवैक्सीन ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की एक्टपर्ट कमेटी की समीक्षा में 77.8 फीसदी प्रभावी पाई गई है। हैदराबाद की दवा निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने हाल में मेड इन इंडिया कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल डीसीजीआई को सौंपा है।
डीसीजीआई ने कोवैक्सीन को पहले और दूसरे चरण के ट्रायल डेटा के आधार पर भारत में जनवरी के महीने में आपात इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी थी। कोवैक्सीन के डेटा को जारी करने में हो रही देरी के बीच शुरुआती स्टडी में यह दावा किया गया था कि कोविशील्ड वैक्सीन भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के मुकाबले कोरोना से जंग में ज्यादा एंटीबॉडीज पैदा करती है। स्टडी में यह देखा गया कि वैक्सीन के 2 डोज के बाद कोविशील्ड लेने वाले 98 फीसदी में जितनी एंटीबॉडी पाई गई उतनी ही कोवैक्सीन लगाने वाले 80 फीसदी में पाई गई थी।
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