कोरोना के खिलाफ जंग में देश को एक और 'हथियार' मिल गया है। भारत के दवा नियामक (डीसीजीआई) द्वारा अमेरिकी वैक्सीन कंपनी ‘मॉडर्ना’ के कोविड-19 टीके को सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा डीसीजीआई ने दवा निर्माता कंपनी सिप्ला को भारत में मॉडर्ना वैक्सीन के आयात की मंजूरी दे दी है। सिप्ला ने एक दिन पहले ही अमेरिकी वैक्सीन के भारत में आयात और उसकी मार्केटिंग की अनुमति मांगी थी।
इस वैक्सीन को लेकर किए गए क्लिनिकल परीक्षण के परिणाम बताते हैं कि ये वैक्सीन कोरोना संक्रमण के लक्षणों वाले मामलों के खिलाफ 90 फीसदी से ज्यादा कारगर है। ये वैक्सीन -20 डिग्री तापमान पर 7 महीने तक ठीक रहती है और 2-8 डिग्री तापमान पर एक महीने तक रह सकती है।
मॉडर्ना के आने के बाद देश में अब कुल चार टीके हो गए हैं। इससे पहले भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी को मंजूरी दी गई थी।
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