जम्मू कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली। गुरुवार को हुई इस बैठक में पीएम मोदी समेत कई अहम नेता शामिल हुए और कश्मीर की मौजूदा स्थिति और भविष्य को लेकर चर्चा की गई। इस बैठक का मुख्य केंद्र जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करना था। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि हम जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सफलतापूर्वक संपन्न हुए डीडीसी चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव कराना उनकी प्राथमिकता है।
बैठक के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला द्वारा परिसीमन के समय को लेकर सवाल उठाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य के विभाजन के बाद इसमें सात विधानसभा सीटें बढ़ गई हैं, इसलिए चुनाव कराने से पहले परिसीमन कराना जरूरी है। इस बीच ग्रह मंत्री अमित शाह ने परिसीमन होने के बाद जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन भी दिया।
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती द्वारा धारा 370 को हटाने का मामला उठाने पर प्रधानमंत्री ने अदालत के सामने लंबित होने की वजह से इस मामले पर कोई भी बात करने से परहेज किया। वहीं, कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने बैठक में कश्मीर को राज्य का दर्जा, फिर से लोकतंत्र स्थापित करने के लिए विधानसभा चुनाव, कश्मीरी पंडितों का जम्मू कश्मीर में पुनर्वास, सभी राजनैतिक कैदियों की रिहाई, डोमिसाइल जमीन की गारंटी की शर्तें केंद्र सरकार के सामने रखीं।
इस दौरान बैठक की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिनमें पीएम मोदी और कश्मीरी नेता मुस्कुराते नजर आए। बैठक खत्म होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि वह दिल्ली और दिल की दूरी खत्म करना चाहते हैं।
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