निजी स्कूलों की फीस नियंत्रित करने को लेकर बीते एक वर्ष से प्रदेश भर से मांग उठ रही है। शिक्षा विभाग की ओर से बनाए गए विधेयक में मनमानी करने वाले निजी स्कूलों पर दो से पांच लाख रुपये का जुर्माना करने का प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान में आम जनता ने बढ़ोतरी कर जुर्माना राशि को बढ़ाकर दस लाख रुपये करने की मांग की है। सजा का प्रावधान भी दस साल करने के सुझाव दिए गए हैं।
जिलों से उच्च शिक्षा निदेशालय पहुंचे सुझावों में सरकार की ओर से तय की गई फीस में हर वर्ष छह फीसदी वृद्धि करने का भी जनता ने विरोध करते हुए इसे दो से तीन फीसदी करने को कहा है।
वहीं, निजी स्कूलों की ओर से चयनित दुकानों से ही किताबों व वर्दी खरीद की व्यवस्था पर भी रोक लगाने की मांग की गई है। तीस जून तक फीस नियंत्रित करने को बनाए विधेयक को लेकर अपने सुझाव और आपत्तियां उच्च शिक्षा निदेशालय को भेजे जा सकते हैं।
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