प्रदेश में जहाँ कई जगहों पर प्रगतिशील कार्य हो रहा है तो वहीं 40 पंचायतें अभी भी सड़क सुविधा से वंचित हैं, जिनमें करीब 300 गांव हैं। लोक निर्माण विभाग की मानें तो लोगों की आपसी रंजिश के चलते सड़कों का निर्माण नहीं हो रहा है। अपने गांव तक सड़क पहुंचने के बाद लोग साथ लगते गांव के लिए सड़क बनाने को जमीन नहीं देते हैं।
इसके चलते अब सरकार ने फैसला लिया है कि पहले जमीनें लेन देन का झंझट खत्म करेंगे, उसके बाद ही सड़क का काम शुरू किया जाएगा। जमीन का शपथपत्र नहीं, बल्कि जो जमीन सड़क में आ रही हो, वह विभाग के नाम करनी होगी। उसके बाद ही सड़क निर्माण कार्य शुरू होगा। वहीं, लोक निर्माण विभाग का कहना है कि कई जमीन विभाग के नाम हो चुकी है। इनका एस्टिमेट तैयार हो रहा है।
प्रदेश सरकार ने सड़क से वंचित गांव के लिए सड़क सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए लोक निर्माण विभाग को फॉरेस्ट क्लीयरेंस कर डीपीआर तैयार करने के लिए कहा है। ऐसी साल अधिकांश पंचायतों को सड़क से जोड़ा जाना है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इन सड़कों का निर्माण किया जाना है।
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