अपनी मांगों को लेकर प्रदेश की राजधानी में करुणामूलक संघ का क्रमिक अनशन जारी है। आलम यह है की पिछले 39 दिनों से यह लोग क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हुए है, लेकिन अभी तक सरकार ने इन आश्रितों की सुध तक नहीं ले पाई है। करुणामूलक संघ के प्रदेशाअध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि जब चुनाव का समय आता है तो करुणामूलक आश्रितों के लिए बड़े बड़े वायदे किये जाते है , कि हमारी सरकार आने दो, 3 महीने के अंदर करुणामूलक नौकरिया बहाल करेंगे, पर सता में आने के बाद सरकार भूल जाती है। अजय कुमार का कहना है कि क्रमिक अनशन का 39 वां दिन है पर सरकार की तरफ से कोई भी हमसे मिलने नही आया न किसी ने सुध ली, और न ही सरकार ने हमारे साथ बात करने की कोशीश की, अगर ऐसे ही सरकार हम करुणामूलक आश्रितों को नकारति रही तो क्रमिक अनशन तो ऐसे ही अनिश्चितकाल तक चलेगा ही और साथ में आंदोलन तीव्र गति पकड़ लेगा। इसीलिए संघ का कहना है की जल्द करुणामूलक संघ की मांगे मानी जाये, व सब परिवारों को एक साथ नियुक्तियां दी जाये।
इनकी मुख्य मांगे :
1) समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नौकरियों के केसों को जो 7/03/2019 की पॉलिसी मे आ रहे हैं उनको One Time Settlement के तहत सभी को एक साथ नियुक्तियाँ दी जाएं |
2) करुणामूलक आधार पर नौकरियों वाली पॉलिसी में संसोधन किया जाए व उसमे रूपए 62500 एक सदस्य सालाना आय सीमा शर्त को पूर्ण रूप से हटा दिया जाए।
3) योग्यता के अनुसार आश्रितों को बिना शर्त के सभी श्रेणीयो में नौकरी दी जाये।
4) 5% कोटा शर्त को हटा दिया जाए ताकि विभाग अपने तौर पर नियुक्तियाँ दे सके।
5) जब किसी महिला आवेदक की शादी हो जाती है तो उसे पॉलिसी से बाहर किया जाता है इस शर्त को भी हटाया जाए।
6) जिनके कोर्ट केस बहाल हो गए है उन्हें भी नियुक्तियाँ दी जाए |
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