सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के युवाओं ने हिमाचल पथ परिवहन सरकाघाट डिपो के क्षेत्रीय व लंबे रूटों को बसों व स्टाफ सहित धर्मपुर डिपो में स्थानांतरित करने के विरोध में सरकाघाट डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक का घेराव किया। उन्होंने मांग पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री व एमडी एचआरटीसी से इस फैसले को वापिस लेने की मांग की । इस फैसले से सरकाघाट डिपो कमजोर होगा क्योंकि अच्छी आमदन वाले क्षेत्रीय रूट व लम्बे रूट जोकि सरकाघाट से चलते थे उनको जानबूझकर धर्मपुर डिपो में स्थानांतरित किया गया। प्रदेश सरकार ने धर्मपुर में नया बस डिपो बनाया तो जरूर है , लेकिन सभी संसाधन इधर उधर से शिफ्ट किए हैं और सरकाघाट बस डिपो की बसों से सरकाघाट मिटाकर सिर्फ वहां धर्मपुर लिख देने का काम किया है । जो लंबे रूट धर्मपुर स्थानांतरित किए हैं उनमें अब सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के लोग ऑनलाइन बुकिंग में 22 किलोमीटर का अतिरिक्त किराया देने के लिए मजबूर होंगे जिससे लोगों के ऊपर आर्थिक बोझ और बढ़ेगा। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि धर्मपुर में ही चलने वाले लोकल रूटों को धर्मपुर स्थानांतरित करने से किसी भी तरह की आपत्ति नहीं है । स्थानीय विधायक अपनी नाकामयाबी को छुपाने के लिए सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र की जनता को गुमराह कर रहे हैं और बस रूटों को स्थानांतरित करने, केंद्रीय विद्यालय अस्पतालों की दुर्दशा , जल जीवन मिशन व नियुक्तियों में भेदभाव आदि मुद्दों पर लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं। उन्होंने आगाह किया है कि सरकाघाट विधानसभा की अनदेखी और विधायक के नकारेपन के खिलाफ बड़े स्तर का अभियान शीघ्र ही छेड़ दिया जाएगा।
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